भौतिक चिकित्सा और पुनर्वास (पीएम एंड आर) वह विशेष चिकित्सा क्षेत्र है जो अस्थायी और स्थायी दिव्यांगताओं के निदान और प्रबंधन से संबंधित है। पीएम एंड आर को फिजिएट्री व पुनर्वास चिकित्सा के नाम से भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में एमबीबीएस उपाधि प्राप्त करने के बाद स्नातकोत्तर करने से चिकित्सकों को दवाओं और सर्जरी से ऊपर समग्र पुनर्वास उपचार निर्धारित करने की शिक्षा प्राप्त होती है। जीवनशैली में बदलाव, चिकित्सीय व्यायाम, कृत्रिम अंग लगवाना, परिवेष्टक परिवर्तन आदि से समग्र पुनर्वास उपचार सक्षम बनता है। अन्य चिकित्सा विशेषताओं के विपरीत जिसमें चिकित्सक "इलाज" पर ध्यान केंद्रित करते हैं, फिजिएट्रिस्ट का लक्ष्य व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाना व उसके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
सीआरसी में सहायक प्रोफेसर (पीएमआर / एमई) आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 में परिभाषित सभी प्रकार के दिव्यांगताओं के लिए निदान और नुस्खे प्रदान करते हैं। वह सभी शारीरिक प्रणालियों जैसे विकासात्मक विकारों, पक्षाघात, विच्छेदन, हड्डी और जोड़ों के रोगों, चोट, कैंसर, वृद्धावस्था और सभी अक्षम परिस्थितियों से जुड़ी चिकित्सा समस्याओं में अक्षम का स्थिति का प्रबंधन करते हैं। ओपीडी में जिन लोगों का परिक्षण इसके पहले कहीं और नहीं किया गया है, उनकी दिव्यांगता का परिक्षण व उपचार भी उनकी उम्र के अनुसार यहाँ किया जाता है। जो पूर्व चिकित्सा परिक्षण के साथ यहाँ आते हैं, उन्हें सीधे सीआरसी में संबंधित पुनर्वास और पैरामेडिकल विशेषज्ञों द्वारा उपचार दिया जाता है। वर्तमान में सीआरसी में कोई पृथक रोगी विभाग स्थापित नहीं है।