कृत्रिम अंग प्रत्यंग निर्माण

Prosthetic Orthotic

कृत्रिम अंग प्रत्यंग निर्माण विभाग शारीरिक दोष वाले व्यक्तियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए कृत्रिम उपकरणों और संसाधनों के निर्माण का कार्य करता है। प्रत्येक लाभार्थी की परेशानियों को समझते हुए विशेषज्ञों को इन संसाधनों के निर्माण के लिए अलग तरह से सामग्री का चयन कर व्यक्ति विशेष की जरूरतों को पूरा करना होता है।

शैक्षणिक:

कृत्रिम अंग प्रत्यंग निर्माण विभाग का उद्देश्य दीर्घकालिक कार्यक्रमों के द्वारा पुनर्वास के क्षेत्र में जनशक्ति का विकास करना है। दीर्घकालिक कार्यक्रमों में डीपीओ कोर्स (अवधि: 2 साल और 6 महीने), बीपीओ कोर्स (अवधि: 4 साल और 6 महीने), और एमपीओ कोर्स (अवधि: 2 साल ) शामिल हैं। हमारे पास योग्य पुनर्वासन केंद्रों, संबद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञों और कर्मियों के लिए अल्पकालिक कार्यक्रम भी हैं।

हमारी सेवाएं:

  • विभाग में आने वाले दिव्यांग मरीज़ों के लिए कृत्रिम अंग और प्रत्यंग उपचार का मूल्यांकन, निर्धारण, नियोजन और निष्पादन करना।
  • विभाग में आने वाले दिव्यांग व्यक्ति को कॉस्मेटिक पुनर्स्थापना कृत्रिम अंग प्रदान करना और उपकरण के रखरखाव के लिए उनके अभिभावकों को मार्गदर्शन देना।

अन्य गतिविधियां:

  • अनुसंधान और विकासात्मक गतिविधियां शुरू करना।
  • एडिप योजना 2017 के तहत मध्य प्रदेश के आंतरिक भाग में रहने वाले दिव्यांग रोगियों के लिए सेवा शिविर आयोजित करना।