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    सीआरसी – भोपाल के बारे में

    सीआरसी जो कि दिव्यांगजनों के कौशल विकास पुनर्वास और सशक्तिकरण के लिए एक समग्र क्षेत्रीय केंद्र है जिसे भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा एक सेवा मॉडल के रूप मे शुरू किया गया है।
    सीआरसी एक छत के नीचे सभी प्रकार के दिव्यांगजनों के लिए दिव्यांगता पुनर्वास सुनिश्चित हेतु राष्ट्रीय संस्थानों की विस्तारित शाखाओं के रूप में काम करते हैं। वर्तमान में भारत भर के 19 राज्यों में 20 सीआरसी हैं।

    सीआरसी, भोपाल की स्थापना 14 अगस्त 2000 को राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान (एनआईईपीआईडी), सिकंदराबाद द्वारा दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के कार्यान्वयन की योजना (एसआईपीडीए) के तहत की गई थी। इसे फरवरी 2006 में अली यावर जंग राष्‍ट्रीय वाक् एवं श्रवण दिव्‍यांगजन संस्‍थान (अ.या.जं.रा.वा.श्र.दि.सं.) मुंबई में पुनर्गठित किया गया दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त निकाय। अगस्त 2024 से सीआरसी भोपाल राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (एनआईएमएचआर) सीहोर, भोपाल मध्य प्रदेश के प्रशासनिक नियंत्रण में है।

    सीआरसी भोपाल मध्य भारत क्षेत्र में दिव्यांगजन व्यक्तियों के लिए पुनर्वास सेवाओं के विकास के लिए काम कर रहा है। यह केंद्र सभी श्रेणियों के दिव्यांगजन व्यक्तियों के लिए व्यापक दिव्यांगता पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। केंद्र को वर्ष 2006 में बाधा मुक्त वातावरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।