नैदानिक मनोविज्ञान

नैदानिक मनोविज्ञान का उद्देश्य लाभार्थी और उसके परिवार के सदस्यों के मानसिक स्वास्थ्य का आंकलन करना है। इसके लिए कई मूल्यांकन उपकरणों का उपयोग कर मनोचिकित्सा के तहत उनके मानसिक स्वास्थ्य का परिक्षण व उसके अनुसार उपचार किया जाता है। यह चिकित्सा उन सभी के लिए कारगार है जो कि दुःख, चिंता, निराशा या पुराने मनोरोग विकारों से पीड़ित हैं या वे व्यक्ति जो किसी सामान्य मनोवैज्ञानिक संकट का सामना कर रहे हैं। विभाग ऐसे रोगियों को नैदानिक सेवाएं व मनोशिक्षा प्रदान करता है जिसमें मनोनिदान और न्यूरोसाइकोलॉजिकल आकलन भी शामिल हैं।

विभाग में प्रमुख रूप से निदान, आमतौर पर जाँच पड़ताल या प्रबंधन किया जाता है, जिसमें स्वलीनता, बौद्धिक अक्षमता, सीखने की समस्याओं, चिंता, निराशा, परिवार के संघर्ष, और अन्य सहायक समस्याएं शामिल हैं।

मनोचिकित्सा परामर्श और पुनर्वास के विभिन्न तरीके

मनोमिति:

सम्बंधित समस्याओं के स्तर और सुरक्षा का आकलन करने के लिए बुद्धि परीक्षण, विकास परीक्षण या सामाजिक आवरण परीक्षण, व्यक्तित्व परीक्षण, व्यवहार समस्याओं का परीक्षण आदि जैसे मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन परीक्षण आयोजित किए जाते हैं।

मनोचिकित्सा

मनोचिकित्सा किसी भी व्यक्ति की मानसिक स्वास्थ्य समस्या का इलाज करने में मदद करती है। मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन के बाद, उन समस्याओं को सुलझाने के लिए मध्यवर्ती लक्ष्य योजना का निर्धारण किया जाता है, और फिर आवश्यकता के अनुसार निम्नलिखित चिकित्सा में से एक या अधिक का उपयोग किया जाता है।

  • व्यवहार चिकित्सा
  • संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा
  • व्यक्तिगत चिकित्सा
  • समूह चिकित्सा
  • परिवार चिकित्सा

मार्गदर्शन और परामर्श

मनोवैज्ञानिक चिकित्सा के एक भाग के रूप में, हम व्यक्तियों को उनकी शैक्षिक और व्यावसायिक क्षमताओं को खोजने और विकसित करने में मदद करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। परामर्श से, हम प्रत्येक व्यक्ति को अधिक स्वतंत्र व आत्मनिर्भर बनाने के लिए परिवारों की इच्छा शक्ति को मजबूत बनाने का लक्ष्य रखते हैं।