लॉन्ग टर्म कोर्स

पुनर्वास मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा

भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) के अत्यंत प्रयासों के बावजूद भी प्रशिक्षित और योग्य मानव संसाधनों का होना एक बड़ी बाधा बनी हुई है। अब तक आरसीआई में पंजीकृत विभिन्न दिव्यांगों के तहत पुनर्वास व्यवसायी/कर्मियों की संख्या लगभग 28 हजार है। 1.85 प्रतिशत (एनएसएसओ 2002) की अनुमानित दिव्यांगता आबादी के लिए, भारत में उपलब्ध मानव संसाधन असीम रूप से छोटे हैं। इसके अलावा पुनर्वास अनुभवियों को पुनर्वास की प्रारंभिक अवधि के लिए कम से कम एक-एक संबंध के तहत काम करना पड़ता है जो तत्काल आवश्यकता की अपर्याप्तता को उजागर करता है।